क्या डाइबिटीज बन सकती है इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण

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Erectile Dysfunction Due to Diabetes

Reviewed By Dr. Gauttam S Prajapati MBBS, D.P.M. (Psychiatry)

अगर आपको डाइबिटीज या मधुमेह है या फिर हाल ही में आपको मधुमेह होने की जानकारी मिली है तो सावधान हो जाइए। मधुमेह सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य को ही प्रभावित नहीं करता। ये आपकी सेक्स लाइफ को भी डिस्टर्ब कर सकता है। दरअसल जब ब्लड में शुगर लेवल बिगड़ता है तो ये नसों को प्रभावित करता है। इसकी वजह से लिंग में कड़ापन नहीं आता। यानी उत्तेजना में कमी आती है। नतीजतन सेक्स करने में नाकामयाबी मिलती है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या स्तंभन दोष की समस्या को समय रहते समझना आवश्यक है। अगर आपके मन में भी ये सवाल है कि - क्या, डाइबिटीज इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बन सकती है, तो इसका जवाब है - ' हां ' । इस पहेली को समय रहते सुलझा लेना ही आपके लिए महत्वपूर्ण होगा। क्योंकि आपके लव पार्टनर को 'चरमसुख' प्रदान करने के लिए आपका 'दृढ़ता से खड़े रहना' बेहद जरूरी है।

मधुमेह और स्तंभन दोष

डाइबिटीज यानी मधुमेह। कभी सोचा है, ये आपके जीवन से वो मधुर और हसीन पल खत्म कर सकती है, जिसकी चाहत हर पुरुष को होती है। वैसे तो डाइबिटीज को साइलेंट किलर कहा ही जाता है, लेकिन ये आपकी लव लाइफ के लिए भी कम घातक नहीं है। इसकी वजह है 'इरेक्टाइल डिसफंक्शन'। मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, पुरुषों में यौन समस्याओं के लिए डाइबिटीज एक प्रमुख कारण होती है। मधुमेह प्रभावित व्यक्ति अवश्य ही स्तंभन दोष यानी लिंग में 'कसावट की कमीं' जैसी परेशानियों का सामना करता है। ये दोष दांपत्य सुख को खत्म करता है। साथ ही पार्टनर में भी असंतोष बढ़ाता है। ऐसे में स्तंभन दोष उपचार आवश्यक हो जाता है। आईडीएफ डायबिटीज एटलस के डेटाबेस के मुताबिक, भारत में 2030 तक 92 लाख (92,973.7) से अधिक और 2040 तक सवा करोड़ (1,24,874.7) मरीज डायबिटीज से ग्रसित होंगे। ऐसे में खतरा कितना बड़ा है, इसे समझना होगा।

स्तंभन दोष के क्या हैं कारण?

आप आसानी से समझ गए होंगे कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की प्रमुख वजह डाइबिटीज है। इसके साथ ही अन्य कई बातें भी स्तंभन दोष के लिए जिम्मेदार है। आमतौर पर यह हमारी आदतों से जुड़ी होती हैं और दिनचर्या का ही हिस्सा होती हैं। ये उत्तेजना को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाती हैं। इनमें कुछ प्रमुख हैं -

  • स्मोकिंग और अल्कोहल का अधिक सेवन
  • स्ट्रैस की अधिकता
  • स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का होना
  • रिलेशन संबंधी परेशानी
  • किसी सर्जरी और दवाइयों का दुष्प्रभाव
  • टेस्टोस्टेरोन (पुरुष हार्मोन) का घट जाना

स्तंभन दोष के लक्षण – मन में कामेच्छा की लहर तो हिलोरे मारे, लेकिन तन तैयार न हो पाए। तो, समझ लीजिए आप स्तंभन दोष के शिकार हो रहे हैं। जोश-स्फूर्ति की कमी, लिंग में शिथिलता, उत्तेजित न हो पाना, पार्टनर को यौनसुख प्रदान करने में अक्षम साबित होना। यही सब स्तंभन दोष के लक्षण हैं।

कई लोग शर्म-लिहाज के चलते चर्चा नहीं करते, या फिर नीम-हकीम के चक्कर में पड़कर स्वास्थ्य को चौपट कर लेते हैं। स्तंभन दोष के बारे में इलाज की जानकारी का अभाव भी बड़ी समस्या है।

नसें होती हैं प्रभावित

स्तंभन दोष का खतरा सबसे अधिक टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित पुरुषों को होता है। पूरी दुनियां में टाइप-2 से पीड़ित मरीजों की संख्या में भारत दूसरे नंबर पर है। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (आईडीएफ) के मुताबिक "भारत में 74 मिलियन लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। इसके अलावा 40 मिलियन वयस्कों में ग्लूकोज़ टॉलरेंस (आईजीटी) की समस्या पाई गई है जो उन्हें टाइप-2 मधुमेह के विकास के उच्च जोखिम की श्रेणी में डालता है।" ऐसे में इरेक्टाइल डिसफंक्शन से प्रभावित होने वालों की संभावना भी अधिक है। मधुमेह को नियंत्रित न किया जाए तो यह पुरुष यौनांग की नसों और ब्लड वेसल को नुकसान पहुंचा सकती है। लिंग में खून का पर्याप्त प्रवाह न होना स्तंभन दोष के लक्षण का प्रमुख कारण बन जाता है। स्वस्थ पुरुष की तुलना में डायबिटीज पीड़ित पुरुष में इरेक्टाइल डिसफंक्शन का तीन गुना अधिक खतरा होता है।

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जानिए कैसे हो सकता है उपचार?

पीड़ित पुरुष को इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए सर्वोत्तम दवा चुनना होगी। हालांकि इसके लिए ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। कई सेक्सुअल परफॉरमेंस सप्लीमेंट्स उपलब्ध हैं। इसे अपनाकर पुरुष अपने परफॉर्मेंस को वापस पा सकते हैं। स्तंभन दोष के लिए सर्वोत्तम दवा समय पर सही निर्णय लेना भी है

स्तंभन दोष का खुद इलाज करने के तरीके : मसलन पीड़ित पुरुष को कंफर्ट जोन से बाहर निकल बॉडी को एक्टिव जोन में लाना होगा। आरामदायक जीवनशैली परेशानी को बढ़ाती है। शरीर में खून का प्रवाह सामान्य बना रहे इसलिए रेगुलर एक्सरसाइज आवश्यक है। याद रखें, 'नियमित व्यायाम आपके यौनांग को सक्रिय रखता है'।

वजन पर रखें नियंत्रण : शरीर पर फैट की अधिकता आपके 'परफॉर्मेंस' को मटियामेट कर सकती है। ऐसे में वजन को बढ़ने न दें। खान-पान को नियंत्रित रखें। पोषक आहार लें ताकि वजन अनियंत्रित न हो।

स्तंभन दोष में व्यायाम होता है कारगर : यौनांग में रक्त प्रवाह बढ़ाने के लिए पैल्विक मसल्स को मजबूत करना आवश्यक है। इसके लिए स्तंभन दोष की दवाओं के साथ योगासन भी प्रभावी परिणाम देता है। श्रोणी प्रदेश (पैल्विक पार्ट) को सक्रिय और स्वस्थ बनाने के लिए नौकासन, धनुरासन, सालभासन और वीरभद्रासन लाभदायक हैं।

कौन से योगासन कैसे लाभ पहुंचाते हैं, यहाँ देखें :

नौकासन – सेक्सुअल हार्मोन को उत्तेजित करने में सहायक होता है।

धनुरासनइरेक्टाइल फंक्शन को दूर करने व संभोग सुख प्रदान करने में सहायकहोता है।

सालभासन – रीढ़ की हड्‌डी मजबूत करता है, नतीजा 'परफॉर्मेंस टाइम' बढ़ता है।

वीरभद्रासन – थके अंगों में जोश का संचार कर सक्रियता बढ़ाता है।

इस प्रकार यहाँ हमने देखा कि डायबिटीज के कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन सहित कई प्रकार की समस्याएँ होती हैं। अगर आप बीमारी को गंभीरता से लेते हुए डॉक्टर की सलाह मानते हैं तो इसमें सुधार की गुंजाइश है। इसलिए डायबिटीज हो तो बिना देरी किए इलाज कराना चाहिए ताकि इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी अन्य जटिल समस्याएँ न हों।


Dr. Gauttam S Prajapati MBBS, D.P.M. (Psychiatry)

Dr. Gauttam S Prajapati completed his MBBS under the Saurashtra University from MP Shah Medical College, Jamnagar in 2010 and he completed his DPM (Psychiatry) at Gujarat University, from BJMC & Civil Hospital, Ahmedabad in 2015. With more than 6+ years of experience, Dr. Gauttam is a seasoned consultant in the fields of psychosexual issues such as Erectile Dysfunction, Premature Ejaculation, etc.